
Shut up! Puzzled beautiful woman keeps palm near husbands mouth, asks him stop shouting at her. Jealous boyfriend screams with anger at girlfriend, suspects her in betrayal, sort out relationships
दहेज एक सामाजिक बुराई है जो समाज में फैली हुई है यह परिवारों के लिए बोझ बन गया है जो विवाह के समय लड़की पक्ष के परिवार के द्वारा लड़के पक्ष के परिवार को दिया जाता है दहेज में लग्जरी सामान व सोना चांदी और नगदी दिया जाता है, दहेज अक्सर दोनों पक्षों के परिवारों के बीच तनाव ,बेचैनी और विवाद का कारण बनता जा रहा है।
भारतीय कानून में दहेज को अपराध माना गया है, और इसे भारतीय दंड संहिता की धारा 498 (ए) जो अब वर्तमान में भारतीय नागरिक संहिता की धारा- 85 में दहेज उत्पीड़न के कुप्रभावों को कवर करता है, इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 304(बी)जो अब भारतीय नागरिक संहिता की धारा -80 भी दहेज के लिए क्रूरता करना या दहेज मृत्यु होने पर दहेज लेने वाले या दहेज लेने के लिए दबाव बनाने वाले लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाती है। लेकिन यह सब करवाई तब होनी चाहिए जब कोई दहेज की वास्तविक मांग करें या दहेज लाने के लिए शादी के बाद पत्नी पर दबाव बनाए तब तो यह सब ठीक है और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत भी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में तो वास्तविक दहेज के मामले बहुत कम ही पंजीकृत होते हैं जबकि फर्जी/ झूठे दहेज के मामले ज्यादा पंजीकृत हो रहे हैं, जबकि झूठा दहेज केस भी पंजीकृत करना एक कानूनी अपराध है, लेकिन फिर भी समाज में सबसे ज्यादा इसका प्रचलन चल गया है।
दहेज का झूठा केस पंजीकृत कराना गंभीर अपराध है, जो अक्सर विवाहित महिलाओं और उनके परिवार की लोगों के द्वारा पंजीकृत कराया जाता है वर्तमान समय में जैसे ही किसी विवाहित महिला के साथ कुछ खटपट या मामूली कहासुनी होती है, वैसे ही वह पति को या पति पक्ष के परिवार के लोगों को झूठा दहेज केस में फसाने की धमकी मिलने लगती है, या झूठा दहेज केस पंजीकृत करा देती अपने पति या पति के परिवार वालों पर रिश्तेदारों पर,इससे फिर विवाहित महिला व उसके पक्ष के लोगों द्वारा पति पर और पति पक्ष के लोगों पर दबाव बनाकर उनको चुंगुल में फंसने का काम करते हैं।
अभी हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले में निर्णय करते समय यह टिप्पणी की है कि यदि कोई महिला या महिला पक्ष के लोग पति पर या पति पक्ष के लोगों पर झूठा दहेज मुकदमा दर्ज कराकर दबाव बनाते हैं या पत्नी आत्महत्या की धमकी देती है तो यह क्रूरता माना जाएगा,जो झूठ दहेज मुकदमे को दर्ज करा कर पति को धमकाने के लिए एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जा रहा है जो क्रूरता के समान है अदालत ने बार-बार यह माना है कि झूठे दहेज उत्पीड़न के मामले दर्ज कराकर पति व उसके परिवार की छवि खराब की जा रही है और पति को धमकाने के लिए इसका इस्तेमाल एक उपकरण के रूप में किया जाता है जो कि सरासर गलत है यह एक सभ्य समझ में ऐसी चीजों कोई स्थान नहीं होना चाहिए।