
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में एक अहम निर्णय दिया, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि एक व्यक्ति एक आरोप में पहले से ही हिरासत में लिया जा चुका है और उस पर अन्य मामलों में भी आरोप हैं तो वह अन्य सभी मामलों में अग्रिम जमानत ले सकता है सिवाय जिस मामले में हिरासत में लिया गया अर्थात जो लोग कई मामलों में आरोपों का सामना कर रहे हैं और किसी एक मामले में हिरासत में लिए गए हैं वे लोग हिरासत वाले मामले को छोड़कर बाकी अन्य सभी मामलों में अग्रिम जमानत ले सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के अधिकारों के बारे में चली आ रही अनिश्चितता को संबोधित करता है, साथ ही अग्रिम जमानत के दायरे का विस्तार किया ।
कोर्ट ने कहा कि एक अपराध में हिरासत में लिए जाने पर, दूसरे अपराध में गिरफ्तारी की सम्भावना स्वत: समाप्त नहीं हो जाती इसलिए अग्रिम जमानत के विकल्प की आवश्यकता है आगे कोर्ट ने कहा कि न तो सत्र न्यायालय और न ही उच्च न्यायालय केवल इसलिए अग्रिम जमानत देनें से मना कर सकते कि आरोपी पहले से ही किसी अन्य आरोप में हिरासत में है ।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इससे अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान होगी।